संक्रामक रोग से बचने के उपाय Secrets



सरकार का कहना है कि संक्रमण का दुबारा प्रसार होने पर भी, वह देश के चिकित्सा तंत्र और जन स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन जारी रखते हुए, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों के वर्तमान स्तर को बनाये रखने की योजना बना रही है। विशेषज्ञों की राय और संक्रमण की वैश्विक स्थिति को देखते हुए, सरकार कोरोनावायरस के संग सह-अस्तित्व के लिए संक्रमण-रोधी नीति की समीक्षा करती रहेगी।

• तौलिये आपस में साझा करने से बचें और भोजन अलग-अलग करें तथा घर में एक-दूसरे से यथासंभव दूरी बनाये रखें।

वे लोग जो इम्यूनोसुप्रेसिव थेरेपी से गुजर रहे हैं।

अगर आपकी हड्ड‍ियों में दर्द है, तो डॉक्‍टर एक्‍स-रे कराने की सलाह देते हैं। इससे यह पता चलता है क‍ि कहीं हड्ड‍ियां डैमेज तो नहीं है। इस टेस्‍ट को बोन स्‍कैन टेस्‍ट कहते हैं। इस टेस्‍ट से हड्ड‍ियों की कमजोरी, दर्द का कारण पता चलता है। साथ ही यह पता चलता है क‍ि कहीं हड्ड‍ियां खराब तो नहीं हो रही हैं। 

* ग़ैर-ज़रूरी कारणों से बाहर जाने से बचना चाहिए, काम पर और स्कूल नहीं जाना चाहिए, और घर पर रहना चाहिए।

मौसम में परिवर्तन का असर:तापमान में बदलाव से रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है कमजोर, घरेलू उपाय से बच सकते हैं

अन्य कई सावधानियाँ तो कोरोना-जैसी होंगी तथा सामान्य साफ़-सफ़ाई के नियमों का पालन करें, जैसे कि घर-कार्यालय के दरवाजों के हत्थों, मोबाइल, डेस्कटाप सहित पूरी मेज, गाड़ियों के हैण्डल्स को नीम मिश्रित अथवा सामान्य डिटर्जेण्ट से गीले कपड़े से साफ़ करते रहें। फ्रि़ज में रखी वस्तुएँ यथासम्भव न खायें क्योंकि वहाँ सूक्ष्मजीवों की बढ़त कम हो जाती है, रुकती

अपने हाथों अथवा वस्तुओं से त्वचा-नेत्र इत्यादि को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से छूने, खुरचने, खुजलाने से बचें।

प्रवणशील जनसंख्या को सुरक्षा दो प्रकार से दी जा सकती है-

स्वास्थ्य के विभिन्न आयाम

जापान सरकार ने वायरस के प्रमुख उप-प्रकारों और उनकी विशेषताओं में परिवर्तन सहित टीकाकरण में प्रगति को देखते हुए, कोरोनावायरस महामारी पर अपनी नीति परिवर्तित की है। उदाहरण के लिए सरकार ने अपनी नीति में एक बदलाव यह किया कि बिना लक्षण वाले रोगी घर पर ही स्वास्थ्य-लाभ more info ले सकते हैं। परिस्थितियाँ बदलने पर घर से बाहर जाने और व्यावसायिक गतिविधियों पर लगे प्रतिबंधों की भी सरकार ने समीक्षा की।

विशेषज्ञ पहले संक्रमित हो चुके बच्चों का भी टीकाकरण करने की अनुशंसा करते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष प्राध्यापक वाकिता ताकाजि ने कहा कि बीए.

हर्पीज़ : यह अनेक प्रकार का होता है और यौन सम्बन्धों के अतिरिक्त साथ तैरने से भी हो सकता है (अथवा उस धारा से भी जिसमें नहा रहे चुके संक्रमित व्यक्ति के हर्पीज़ बहकर आ रहे हों), यह मस्तिष्क में दशकों तक प्रसुप्त पड़ा रह सकता है।

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